Priyanka06

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लेखनी कहानी -27-Apr-2022 सरसों की खेती दे रही संदेश

रचयिता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक-सरसों की खेती दे रही संदेश

आया है आया है बसंत ऋतु आया है,
लाया है लाया है मन में कुछ संदेश ।।

सरसों की खेती लहराए,
हे मानव! इस तरह तुम भी लहराओ।।

खेत की मिट्टी की तरह,
तुम भी बन जाओ उपजाऊ।

सरसों के पीले फूल की तरह,
तुम भी बनो इस फूल की तरह,
महक जाओ तुम भी चारों तरफ।।

सरसों के पीले फूल आज खिल उठे हैं,
तुम भी उन्हीं की तरह आज खिल उठो,
वह भी तन कर खड़े हैं
करने के लिए कुछ।

हे मानव! तुम भी हो जाओ खड़े
आज कुछ कर दिखाने के लिए।

सरसों के फूल सुंदर फसल की है सीढ़ी,
तुम भी हो आज देश की युवा पीढ़ी।
सरसों में फूट पड़ी है, दानों की फली
आज मानव में खिल पड़ी है जाग्रता की कली।

सरसों की खेती दे रही हरियाली
हे मानव! तुम भी तो सबको खुशहाली।

कुछ सीखो,हे मानव! यह दे रहे संदेश,
सरसों की खेती दे रही उपदेश।।।।


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6 Comments

Seema Priyadarshini sahay

28-Apr-2022 08:27 PM

बहुत से भी बहुत खूबसूरत

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Renu

28-Apr-2022 10:42 AM

👍👍

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Zainab Irfan

27-Apr-2022 09:03 PM

Very nice 👍🏼

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